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सुन्दर काण्ड गायन के लाभ

वाल्मीकि रामायण को हिन्दू धार्मिक ग्रंथो में आदि ग्रन्थ (सबसे पहली रचना ) माना जाता है।  आध्यात्मिक ज्ञान के अलावा भी यह ग्रन्थ एक पावन ग्रन्थ है जिसके उच्चार से आशीर्वाद प्राप्त होते है।  गायत्री मन्त्र में २४ अक्षर होते है।  वाल्मीकि ने प्रत्येक अक्षर के १०० श्लोक लिखे है।  इस तरह से वाल्मीकि रामायण में २४००० श्लोक है।

इस रामायण के ७ काण्ड है।  पांचवा काण्ड है – सुन्दर काण्ड जिसने नायक है आचार्य हनुमान जो जीवात्मा सीता को मुक्ति दिलाने हेतु लंका का दहन करके राक्षसो में भय निर्माण करते है। सुन्दर का अर्थ है सुरूप।  रामायण की तुलना वेदो से की जाती है और सुन्दर काण्ड एक उपनिषद् ही है।  इस भाग को पढ़ना पूर्ण रामायण पढ़ने योग्य है।  इस भाग को नित्य पढ़ने से पांच तत्वों का  स्मरण कराता है –

१) पृथ्वी – हनुमान सीता की खोज में लंका जाते है।  सीता धरती (पृथ्वी) से उत्पन्न हुई है।
२) आकाश – हनुमान का लंका जाने का पथ आसमान में उड़ते हुए था।
३) वायु – हनुमान वायु पुत्र (पवन पुत्र) है।
४) अग्नि – सीता माता की कृपा से हनुमान के लंका का ढहन कर दिया पर उनकी पूँछ सलामत रही।
५) जल – हनुमान ने लंका जाने के समय समुद्र पार किया।

संस्कृत में कहते है – हनुमान समेना गुरु ना जिसका अर्थ है की हनुमान ही परम गुरु है।  इस राम दूत हनुमान ने अपनी चेतना पर विजय प्राप्त कर ली थी  और ये शास्त्रो के महा ज्ञानी थे।  श्री राम भी हनुमान को नवा व्याकरण वैधता (९ व्याकरणों के ज्ञानी ) कहते थे।

इस तरह सुन्दर काण्ड के नित्य वाचन /गायन से भक्तो में मोक्ष , बुद्धि (ज्ञान) , बल (शक्ति) , यश, धैर्य ,निर्भय , आरोग्य, अजाद्यम् (सजगता) और वाक्पदुथ्वाम (भाषण की शक्ति ) की उपज होती है।

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