Ontimitta Ram Mandir Cudappa Andhra Pradesh
ओंटिमित्ता -श्री रामजी का मंदिर
सारे भारत में यही एक मंदिर है ,जहां भगवान राम के साथ हनुमान का मूर्ति नहीं हैं और यहाँ राम और सीता का कल्याण आधी रात को चान्दिनी में मंदिर के बाहर किया जाता हैं !
राम,सीता और लक्ष्मण का मूर्तिया जाम्बवन्त से प्रतिस्तापित किया गया है । त्रेतायुग में जब विस्वमित्र अपने यज्ञ का रक्षा केलिए राम और लक्ष्मण को इस प्रदेश को आनेको कहें ,तब इसी जगह पे ताटकी (राक्षसी ) का संहार हुआ।. इस मंदिर को सन 1652 में जीन बप्तिस्ते टॉवेर्नियर ,एक फ्रेंच यात्री ने दर्शन किया और इस मंदिर की निर्माण ,शिल्प कला का तारीफ किया और उन्होंने ये भी कहें की भारत में सबसे बड़े गोपुर में यह मंदिर भी एक है ।. इस मंदिर का दर्शन मुसलमान भी करते हैं . यह मंदिर आंध्र प्रदेश के कडपा जिले की ओंतिमित्ता नाम के एक गांव में उपस्तिथ है
मंदिर की खासियत : यह मंदिर 450 वर्षो पुरानी है.इस मंडीर में 3 गोपुर हैं।इन गोपुरों की निर्माण चोल राजाओं के संप्रदाय में बनाया गया हैं। .मंदिर का प्रधान द्वार की लम्बाई 160 फुट की है। इस मंदिर में 32 पत्तर के खम्बोके साथ बनाया गया एक रंग मंडप भी है।इस मंडप विजयनगर राज्य के संप्रदाय में बनाया गया।इन खम्बो पे खूब सूरत अप्सराओ की शिल्प कला देख सकते हैँ। दक्षिण मंडप की और जो खम्बे हैं ,उन में बीच वाली खम्बे पर भगवन विष्णु और श्री कृष्ण भगवन के मूर्तिया देख सकते हैं।इस मंदिर के दीवारों पर भगवन विष्णु की सारे अवतार,रामायण और भागवत में ख़ास घटनाओ के शिल्प कला देख सकते हैं.भारत में किसी भी राम मंदिर में जो खासियत नहीं हैं वह यहाँ देख सकते हैं।
1 .इस मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति नहीं होती ,ये माना जाता है की,जब राम जी का हनुमान से मुलाखत नहीं हुआ ,उससे पहले इस मंदिर में मूर्थियोंकी प्रतिस्तापित किया गया है जिसका वजह से यहाँ हनुमान जी की मूर्ति नहीं होती।
2. बाकि सरे राम मंदिर में राम और सीता की कल्याण दिन में होता है पर इस मंदिर में अधि रात ,मंदिर के बाहर,चान्दिनी में होता है ,इस का वजह ये कहा जाता है की ,जब राम और सीता का कल्याण हुआ सारे दुनिया देखी लेकिन चाँद नहीं देख पाया ,इसलिए जब चाँद ने राम और सीता का कल्याण देखनेका ख्वाइश की तो राम जी ने चाँद की ख्वाइश पूरी की ,इसलिए आज भी यहाँ इस संप्रदाय जारी हैं।
3. इस मंदिर का दर्शन मुसलमान भी करते हैं।
स्थल पुराण : महर्षि विस्वामित्र ने अपने यज्ञ की रक्षा केलिए जब राम और लक्ष्मण को उनके बचपन में ही इस प्रदेश को लेके आये,और यही पे ताटकी का वध हुई।.वैसे ही राम और सीता का कल्याण के बाद महर्षि मृखुण्ड ,श्रृंगी भी अपने यज्ञ की रक्षा केलिए मांग किये थो राम जी ने उस यज्ञ का भी रक्षा किये। जिसके वजह से उन महर्षियों ने कुश होके ,राम,सीता और लक्षमण के मूर्तिया प्रतिस्तापित किये ,इस घटना के समय पे राम जी का मुलाकात हनुमान से नहीं हुआ ,इसलिए यहाँ हनुमान की मूर्ति नहीं दिखाई देती।
19 वीं सदी में वविलीकॉलनु सुब्बा राऊ नाम के एक महान व्यक्ति ने इस मंदिर का नवीकरण किये।.इन्हे आंध्र वाल्मीकि नाम से बुलाते हैं। इन्होने नारियल को एक कठोरी जैसे बनाके ,लोगों से १० लाख रुपये इकट्टा करके राम ,लक्ष्मण और सीता के मूर्तियों को गहने बनवाए थे।आंध्र महा भारत लिखनेवाले पोतना जी इसी प्रांत के वासी हैं।.अपने कलम से निकले भागवत को इन्होने यही पे भगवन राम जी को अर्पित किये। यहाँ पोतना जी का भी एक छोटा सा मंदिर है। ताल्लापाका अन्नमय्या भी इसी प्रांत वासी हैं और इन्होने भगवन विष्णु के नाम पे बहुत सारे कीर्तनाएं इसी मंदिर में ही लिखे थे ।
इमामबेख नाम के एक अधिकारी जिन्होंने उस समय की राजा अब्दुल नबीखान के पास काम करते थे।. एकबार इन्हांने इस मंदिर पे आके वहां भक्त लोगोंसे यह पूछे की अगर उनका भगवन राम जी को पुकारने से जवाब देते हैं या नही ?,तब लोगों ने कहा की सच मन से पुकार ने से जरूर जवाब देंगे। तब उस अधिकारी ने 3 बार राम जी को पुकारे तो उन्हें 3 बार जवाब में “ओम” शब्द सुनाई दी ,तब से उन्होंने राम भक्त बन गए और इस मंदिर में पानी के कुवें खुदवाये थे।तब से लेकर अब तक इस मंदिर का दर्शन मुसलमान भी करते हैं।
यात्रा का विधान : यह मंदिर ओंटिमित्ता रेल स्टेशन से 1. 5 k.m दूर है ,भाकरपेट रेल स्टेशन से 8 k.m के दूर है और कडपा रेल स्टेशन से 25 k.m के दूर है।.कडपा से इस मंदिर जाने के लिए बस से जानेकी सुविधा भी है।
मंदिर दर्शन : सुबह 6 से शाम 8 तक.
मंदिर का फ़ोन नंबर : 08589 – 274123
Location: Vontimitta, Andhra Pradesh 516213, India