Trimurthi Temple in Tirunavaya, Kerala
There are 3 temples dedicated to Lord Brahma, Lord Vishnu and Lord Shiva on either sides of the Bharatapuzha river.
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Read MoreSrivilliputhur Andal temple in Srivilliputhur is a town in Virudhunagar district of Tamil Nadu,is one of the 108 Divyadesam dedicated
Read Moreअज़्हगर कोइल मदुरई के पास एक लोक प्रिय स्थल है। यहाँ श्री विष्णु (अज़्हगर ) , पलिमुथीर सोलाई (मुरगा देव
Read MoreKartakeshwara Shiva temple is located in Tirudevankudi, Kumbakonam, TamilNadu. The legend of this temple is that a scorpion worshipped Lord
Read Moreकर्क राशि से सम्बंधित मंदिर – कर्कटेश्वर शिव मंदिर कर्कटेश्वर शिव मंदिर तिरुदेवांकुडी , कुम्बकोणम , तमिल नाडु में स्थित है। माना जाता है की यहाँ एक करकट (केकड़ा) ने शिव की आराधना की। इसीलिए यह मंदिर कर्क राशि के लोगो के लिए महत्वपूर्ण है। इस मंदिर में चन्द्र देव (जो कर्क राशि के आदि देव है ) के लिए भी एक पावन स्थल है। शिव को यहाँ करकटेश्वरं कहा जाता है। यह स्थान हरे भरे खेतो बीच है और स्थानीय लोग इसे कोइल (करकट) मंदिर कहते है। इस स्थान पर एक वन हुआ करता था जिसके पेड़ औषधीय थे और इनका उपयोग आयुर्वेदिक दवाई बनाने में किया जाता था। इस स्थान पर ९ कुंड जय जिनका जल जड़ी बूटियों के साथ इस्तेमाल किया जाता था। इसी समय माता की मूर्ती प्राप्त हुई और उन्हें अरुमारुन्धु नायकी (औषधियों की देवी) के नाम से जाना जाता है। एक विशेष तेल से इनका अभिषेक होता है और भक्तो में बटता है। रोगो से मुक्ति हेतु यहाँ पूजा होती है। एक महान संत तिरुज्ञानसम्बन्धार ने भगवान शिव को “पीनी निकूम शिवं ” (जो रोग मुक्ति करते है ) के नाम से सम्बोधित किया है। देवी के लिए यहाँ एक और स्थान है जहा उन्हें अपूर्वा नायकी (दुर्लभ रूप) के नाम से जानते है। वास्तुकला के दृष्टिकोण से यह मंदिर बोहोत प्राचीन है और अनेको शिलालेख तथा कलाकृतियाँ दर्शनीय है। मंदिर दौरे की कालावधि – सुबह ९ से १:३० और शाम ४ से ७ तक दूरध्वनी क्रमांक – 91-435-2000240, 9994015871
Read Moreसहस्रलिंग , अंगकोर वाट (कैबल स्पीन ) से २५ किमी पर है। स्लुंग नदी के आस पास हज़ारो शिव लिंग
Read MoreSahasralinga is located 25 kilometres from Angkor watt at Kbal Spean. It has thousands of Shiva linga all across the
Read MoreVaragur is a small village in Thanjavur district located on the banks of the Kaveri.There is an ancient temple for
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Read Moreस्वर्ण आकर्षण भैरव – धन दौलत आकर्षित करने वाले कुम्बकोणम के पास दो स्थान है जिनका नाम अदुथुरई है –
Read MoreThis ancient temple constructed in 1281 AD is located at Gara Mandal,Srikakulam district, Andhra Pradesh. Specialties 1)This is the only
Read MoreIrinjalakkuda is a town which is about 25 Km from Trichur. This is the only temple which is dedicated to Bharatha,
Read MoreThis temple is said to be built by Sahadev , the last brother of the Pandavas. It is located inside
Read MoreThis is one of the 108 sacred Vishnu temples located 10 kms from Changasherry between Ernakulam and Thiruvananthapuram in Kerala
Read MoreThis temple is situated in Thrikkakara, a village near Cochin in Kerala. This temple is one of the 108 holy
Read Moreमंदिर जहा ओणम की शुरुआत हुई – थ्रिकटकारा यह मंदिर केरल के कोचीन के पास थ्रिकटकारा में स्थित है। यह
Read MoreLocation:- This temple is located in New Jersey, USA. The state of New Jersey has a massive Indian population of
Read Moreस्थल :- यह मंदिर अमेरिका के नई जर्सी राज्य में स्थित है। नई जर्सी में बोहोत बड़ा भारतीय समुदाय है। वर्ष 1992 में,
Read MoreThe incomplete temple – Janjgir Vishnu Temple Location: The Janjgir-Champa area of Chattisgarh is home to a large Vaishnav temple.
Read MoreLocation – Ahobilam, located in Andhra Pradesh, is one of the main holy places for Lord Narasimha. This place is located about
Read MoreLocation:-This lake temple is built at the center of a lake in Ananthapura, Kasaragod District of Kerala. Architecture: -This temple
Read MoreThis temple is 7 kms from Chenganoor and is said to have been built by Nakula, the fourth of
Read MoreKeelapavoor is a small village 2 kms away from Pavoorthatram located in the route between Tenkasi and Tirunelveli in Tamil
Read MoreAmong the very many evocative metaphors of Ishwara is one where the Supreme Lord is likened to a banyan tree.
Read MoreThiruvilwamala Vilwadrinatha Temple is a temple for Lord Vishnu. It is located nearly 30 kms from Pallakad town amidst numerous
Read Moreश्री आदि केशव पेरुमल विष्णु मंदिर, थीरवत्तरु में केरल-तमिल नाडु सीमा से ६ किमी उत्तर पूर्व परमर्थनदम शहर में स्थित है। यह स्थान नागरकोइल से ३० किमी उत्तर पश्चिम पर है। यह मंदिर ४००० साल पुराण और १.५ एकर बड़ा है। यह मंदिर तीन और से नदियों से घिरा है – कोथाइ , परली और ताम्रपर्णी , परलियर नदी यहाँ से छूटकर एक द्वीप का निर्माण करती है जिसका नाम वत्तरु है और इसी वजक से आदि केशव पेरुमल मंदिर के स्थान को थिरूवत्तरु कहते है। देवता की मूर्ति यहाँ २२ फुट और १६००८ शलिग्रामो से बनायीं हुई है। देवता यहाँ शयन अवस्था में है। पूर्ण दर्शन के लिए देवता को ३ दरवाज़ों से देखना पड़ता है और १८ सीढ़िया चढ़ने के उपरांत दर्शन प्राप्त होते है। इस मंदिर की एक विशेष बात यह भी है की दो दिन गोधूलि बेला में सूर्य की किरणे भगवन के ऊपर पड़ती है जैसे भगवन की वंदना कर रहे हो भगवन शिव भी आदि केशव पेरुमल के पास ही स्थित है। आदि केशव पेरुमलतिरुवनंतपुरम के अनन्त पद्मनाभ स्वंय के बड़े भाई है। इन्होने २ असुर – केसन और केसी को मार कर धर्म की स्थापना की। इस मंदिर की वास्तुकला का उपयोग श्री अनन्त पद्मनाभ मंदिर के निर्माण में भी किया गया है। करीबन ५० शिलालेख इस मंदिर के अंदर है जो तमिल तथा संस्कृत में है। इनके अलावा भी शिल्पकला के सुन्दर नमूने इस मंदिर में है। हर एक मूर्ति अपने आप में अनोखी है। मंदिर के घेरे में असल आकार की विष्णु, लक्ष्मण, इंद्रजीत , वेणुगोपाल , नटराज, पारवती, तिरुवंबड़ी , कृष्णा आदि केशव ,वेंकटचलपति और महालक्ष्मी की मूर्तियां है । मुख्या कक्षा में एक अकेले पत्थर से बनाया हुआ कक्ष है जो १८ फुट चौड़ाई और ३ फुट ऊंचाई में है। यह १२ सदी में बना है। वैकुण्ठ एकादशी का त्यौहार यहाँ मनाया जाता है । पाल पायसम (खीर), अवियल और अप्पम प्रसाद के रूप में परोसे जाते है। शिवालयदौड़ – इस मंदिर के पास १२ शिव मंदिर है जो इस मंदिर की गाथा से जुड़े है तिरुमला थिक्कुरुस्सी थ्रुप्पाराप्पू थिरुनंदीकररा पोनमाना पन्नीपकम् कलक्कुलम मेलनकोडु थिरुविदाईकोडु थिरुविथमकोड़े थिरुपंरिकोडे थिरुनाथलाम यह दौड़ महाशिवरात्रि के दिन की जाती है. शिव भक्त पहले १२ शिवालय और फिर इस मंदिर का दर्शन कर विष्णु तथा शिव भक्ति का उदहारण देते है। थिरुअल्लाहपूजा – १७४० ईसवी में नवाब के लोगो ने सोने से बने इस देवता की मूर्ति को ले गए। इस दौरान नवाब की पत्नी रोग ग्रस्त थी। वैद्य कुछ नहीं कर पा रहे थे। भगवन ने मंदिर के पुरोहित के स्वप्ना में दर्शन देकर कहा की अगर मूर्ति देव स्थान पर वापस आ जाये तो नवाब की पत्नी सकुशल हो उठेंगी। पुरोहित ने नवाब से यह बात कही और उन्हें मंदिर में देवता की मूर्ति वापस कर देने के बारे में समझाया। जैसे ही मूर्ति अपने स्थान पर आई, उनकी पत्नी का रोग स्वस्थ हो उठा। नवाब ने पश्चाताप किया और अपने आभार के रूप में देवता को सोने का एक तकिया , मुकुट, थाली और प्याला अर्पण किया।
Read Moreभारत में स्थित मंदिर – उत्तीरामेरुर , तिरुपुलीवनम , कादम्बर कोइल उत्तीरामेरुरचेन्नई से वंदवासी के मार्ग पर उत्तीरामेरुर स्थित है।
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