हरिसिद्धि काली मंदिर, उज्जैन
काली मंदिर उज्जैन भारत के इतिहास में उज्जैन का शहर अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहाँ दो काली मंदिर है – एक राजा
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Read Moreगुप्त भारत में खोज – पॉल ब्रूटन गुप्त भारत में खोज अपनी भारत यात्रा और विभिन्न संतों, जादूगर, मठों आदि
Read Moreभगवान मुरुगन – न्यायाधीश के रूप में – कोलाँजिअप्पार मंदिर वृन्दावन , तमिल नाडु में स्थित इस कार्तिकेय मंदिर में
Read More२७ नक्षत्र (तारक ) मंदिर – थिरूवोत्तरीयुर , चेन्नई चेन्नई के पास स्थित थिरूवोत्तरीयुर , चेन्नई शहर से भी पुराना
Read Moreश्री अगतीश्वरर मंदिर , नेमिलिचेर्री, क्रोमपेट , चेन्नई श्री अन्दवल्ली समेथा अगतीश्वर मंदिर , नेमिलिचेर्री, क्रोमपेट , चेन्नई में स्थित
Read Moreकैवल्य नवनीतं – थंदवर्य स्वामिगल थंदवर्य स्वामिगल ५०० वर्ष पूर्व तंजावूर के नितक रहते थे। ये वैदिक साहित्य के एक
Read Moreसमर्थ रामदास महासमाधि – वीर शिवाजी के गुरु पराली जिले में सज्जनगढ़ नमक एक परवत पर खड़ा किला है जहा
Read More१०८ कांचीपुरम के शिव मंदिर कांचीपुरम शिव तथा विष्णु दोनों ही के भक्तो के लिए श्रद्धास्थान है । अनगिनत मंदिर इस स्थान की शोभा बढ़ाते है पर दुर्भाग्यवश इन मंदिरो में के कुछ की विशेषतायें लुप्त हो रही है । इस लेख के द्वारा ये प्रयन्त करते है की भक्त गण तथा पर्यटक इन मंदिरो का भ्रमण करने आकर इनकी लुप्त हो जाते हुए इतिहास को पूर्ण जागृत करे । यह कहा जाता है की कांची की धरती का हर एक कण एक शिव लिंग को ढके हुए है । इस क्षेत्र के है कोने में शिव मंदिर है । यह किसीको ज्ञात नहीं की कितने मंदिर ध्वंश किये जा चुके है रास्ते तथा ईमारत बनाते हुए या कितने ही मंदिर में अनधिकार अतिक्रमण किया गया है । पर संरक्षण का प्रयास अब अभी जारी है । कुछ विशेषतायें:- सभी मंदिर कांचीपुरम से १० किमी पर स्थित है । बोहोत से मंदिर जो इस सीमा रेखा के बहार है या तो पहचाने नहीं जाते है या प्रलेखित नहीं किये गए है । इस काम को करने में बोहोत साल लग सकते है । सिवाय इनके और भी मंदिर कांचीपुरम में है । इस लेख में हमने सभी मंदिरो की गणना १०८ की निर्धारित की है । इन मंदिरो में से कुछ के नाम स्वाम की व्याख्या खुद ही दर्शाते है। तमिल नाडु में शिव को ईश्वरन के नाम से जाना जाता है । साधारणतः मंदिरो के नाम भी इसपर आधारित किये जाते है। इस प्रकार मंदिर के रचैता या आराध्य देवो को आसानी से पहचाना जा सकता है । इन मंदिरो का दर्शन इस क्रम में किया जा सकता है । इस पथ पर काम से काम समय लगता है । एक जैसे नामो वाले कई मंदिर है और कई नामो वाला एक मंदिर भी है । किसी भी मंदिर का स्थानीय नाम भी अलग हो सकता है । मंदिरो के स्थिति की जानकारी गूगल मैप्स से दी गयी है पर यथार्थता में बदलाव हो सकते है :- १०८ मंदिरो की सूची:- अबीरमेश्वरर: संगुपानी विनेगर मंदिर पथ Google Map: Sangupani Vinayagar Koil Street, Kanchipuram, Tamil Nadu, India अमरेश्वरर: प. राजा पथ
Read Moreसूर्य देवता का मंदिर प्रसिद्ध सूर्य देवता मंदिर -अरसावल्ली गाव से १ किमी पूर्व दिशा में श्रीकाकुलम जिले में स्थित
Read Moreचेट्टिपुण्यम हयग्रीव मंदिर ज्ञान के देवता के लिए यह मंदिर चेंगलपेट के पास। यह माना जाता है की तिरुवाहिन्दूपुरम के मंदिरो
Read Moreत्रिकोड़ीथानम् महा विष्णु मंदिर – केरल माना जाता है की इस मंदिर का निर्माण सहदेव – पंचम पांडव ने किया
Read Moreदैवतहिं कुरल नमक पुस्तक की कुछ महत्त्वपूर्ण बातें जगद्गुरु श्री श्री चंद्रशेखरेन्द्र सरस्वती स्वामिगल द्वारा लिखी गयी दैवतहिं कुरल को
Read Moreत्रिपुरसुंदरी मंदिर – त्रिपुरा , माताबारी उत्तर पूर्व के इस प्रदेश का नाम त्रिपुरा यहाँ पर स्थित त्रिपुरसुंदरी पड़ा। यह
Read Moreनवलपक्कम का मंदिर और रहस्यमई शिलालेख नवलपक्कम, वंदवासी के पास स्थित एक छोटासा गाव है जो तमिल नाडु के तिरुवन्नामलई
Read Moreश्री लक्ष्मी नारायण पेरुमल मंदिर , नीर्वालुर, कांचीपुरम कांची में स्थित , श्री लक्ष्मी नारायण पेरुमल मंदिर चेन्नई से ८०
Read Moreश्री सदाशिव ब्रह्मेन्द्र , श्रीवत्स गोत्र के दम्पति मोक्ष सोमसुंदर अवधनी और पार्वती के घर मदुरई में जन्में । उनके
Read Moreभसकररयर और भास्कर राजपुरम शिव मंदिर भास्करराजपुरम , मयिलादुरै, तमिल नाडु में स्थित है। श्री भास्कराय की पत्नी आनंदी ने
Read Moreश्री कुलन्दई आनंद स्वामिगल – मदुरई मदुरै की व्यस्त सड़कों में एक कोने में दूर इस महान संत की जीव
Read Moreश्री इलयनर वेलूर मुरुगन मंदिर , कांचीपुरम यह मंदिर एक १००० वर्ष पुरातन है जो कांचीपुरम (वलजाबाद से ८ किलोमीटर
Read Moreयह मंदिर देवरमलै , करूर के पास तमिल नाडु में है। नरसिंह का यह रूप त्रिनेत्रो के साथ बोहोत दुर्लभ
Read Moreनवग्रह मंदिर – देवीपटनम और तिरुपुल्लनी देवीपटनम।, रमेस्वरम के पास भारत के दक्षिणी कोने में स्थित है। परंपरागत रूप में
Read Moreभारतवर्ष में अनेक महान संत जन्मे है। १८ वि सदी एक महान संत है श्री मौन गुरु स्वामिगल। ये कुम्बकोनम,
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