Tamil Nadu

Tamil Nadu

तिरुपाम्बुपूराम – दक्षिण कालाहस्ती शिव मंदिर

तिरुपाम्बुपूराम – दक्षिण कालाहस्ती शिव मंदिर  मयावरम के पास स्थित यह एक प्राचीन शिव मंदिर है।  इस स्थान का नाम तिरुपाम्बुपूराम

Read More
Tamil Nadu

विष्णु मंदिर जहा बैंगन का व्यंजन प्रसाद के रूप में दिया जाता है – इरिंजालाक्कुडा , केरेल

इरिंजालाक्कुडा, त्रिचूर से २५ किमी पर स्थित है। यह एकमेव ऐसा मंदिर है जो श्री राम के अनुज भ्राता भरत को अर्पित है। यहाँ के आदिदेव को संगमेश्वर और इस जगह को कुदाल मणिक्कम कहते है। श्री भरत की मूर्ति ५ फ़ीट ऊँची और ४ हाथो वाली है। उनके हाथो में धनुष, शंख , चक्र तथा निडरता का आशीर्वाद है। यह विष्णु का एक स्वरुप ही है। सदिओं पहले कुछ मछुआरे भगवन की ४ मूर्तियाँ समुद्र से उठा ले आये। एक दैविक आकाशवाणी के यह कहा की इनमे से एक मूर्ति की यहाँ स्थापना की जाएगी। भरत की मूर्ति का चुनाव किया गया और श्री राम को तिरुपरायर , लक्ष्मण को मुर्हिकुल्लम तथा शत्रुघ्न की मूर्ति को पयाम्मल में प्रतिष्ठित किया गया। विशेषतायें :- इस मंदिर में १०१ बैंगन देवता को पेट के रोगो से मुक्ति पाने के लिए अर्पित किया जाता है। एक भक्त पेट का रोगी था, भगवन उसके स्वप्ना में ए और १०१ बैंगन का चढ़ावा चढाने का अनुरोध किया। इस दिन के बाद से यहाँ यह प्रथा चली आई है। प्रसिद्ध कर्नाटक संगीतज्ञ चेम्बई वैद्यनाथ भगवतार ने भी यह चढ़ावा चढ़ाया है। इस मंदिर में न तो घंटिया बजे जाती है न ही धूप जलाये जाते है और न ही कपूर। लोग मानते है की भरत ध्यान मग्न है और ऐसा करने से उनका ध्यान भंग हो सकता है। भगवन को पद्म फूल चढ़ाना शुभ मन जाता है। इस मंदिर में और मंदिरो की तरह अलग अलग देवो के तीर्थ स्थान या आसन नहीं है। यहाँ सिर्फ भरत (श्री विष्णु) विराजते है। इस मंदिर परिसर में तुलसी वृक्ष भी नहीं है। अक्टूबर -नवंबर के महीने में श्रवण तारक में अक्षत समारोह किया जाता है। लोग नए चावल , सब्ज़ियाँ , केले इत्यादि लेकर अनेको गावों से चले आते है। अगले दिन एक विशाल महोत्सव किया जाता है जिसमें लाये गए पदार्थो से व्यंजन पकाये जाते है। देवता को एक विशेष औषधि – मुक्कुदि दी जाती है जो भी भक्तो में बाटी जाती है। यह प्रसाद रोगो से मुक्ति दिलाता है। नलमबलमयात्रा मलयालम वर्ष के आखरी महीने (कार्तिक) में यह तीर्थयात्रा की जाती है। यात्री केरल के ४ मंदिरो की यात्रा करते है | श्री राम मंदिर – त्रिपायर ( इरिंजालाक्कुडा के २२ किमी उत्तर पश्चिम) कूडलमणिकायम भरत मंदिर ( इरिंजालाक्कुडा में) लक्ष्मण मंदिर – मुर्हिकुल्लम ( इरिंजालाक्कुडा से ३० किमी दक्षिण पश्चिम) शत्रुघ्न मंदिर  – पयाम्मल( इरिंजालाक्कुडा से ५ किमी दक्षिण)  Location: Irinjalakuda, Kerala, India

Read More
Tamil Nadu

पुलियुर महा विष्णु मंदिर – केरल

पुलियुर महा विष्णु मंदिर – केरल यह मंदिर चेंगनूर , केरल से ६ किमी पर है। माना जाता है ये यह मंदिर भीम, द्वितीय पांडव ने बनवाया था (४ और विष्णु मंदिर पांडवो ने निर्माण किए है ) । इस स्थान पर एक बड़ा जंगल था इसीलिए इस स्थान को पुलियुर (पुलि – बाघ) कहा जाता है। चूँकि इस मंदिर को भीम ने बनवाया है ; यह मंदिर बोहोत बड़ा है। यह मंदिर एक पर्वत – करी मणिकतु मल्ला पर स्थित है। भक्तो को कुछ सीढियाँ चढ़कर इस मंदिर तक जाना पड़ता है। श्री विष्णु के १०८पवन स्थलों में से एक यह मंदिर है। यहाँ की प्रतिमा महा विष्णु की है और अपने ४ हाथो में शंख, पद्म फूल ,चक्र और चौथा हाथ उनकी जंघा पर रखा है। यहाँ इन्हे माया पिरान (माया – भ्रम) कहा जाता है। इस मंदिर में और देवताओ का भी तीर्थ स्थल है – गणपति, शिव और अय्यप्पा। ब्रह्मा राक्षस का भी एक स्थान है और उसकी अपनी ही एक दंतकथा है। इस मंदिर के मुख्य प्रसादी के रूप में “चतुसाथम” मिलता है जो मीठे चावल , नारियल , घी और गुड से बनता है। पुलियुर गाव में दुर्योधन का भी मंदिर है – जो भीम का प्रधान शत्रु था। यह मंदिर मलनडा, कोल्लम जिले में है। पुलियुर गाव में आने वाले यात्री इस दुर्योधन मंदिर का भ्रमण किये बिना नहीं लौटते। मंदिर दौरे की कालावधि :  प्रातः ५.३० से ११ तक और संध्या ५. ३० से ८ तक पुरोहित: उन्नी कृष्णन नंबूदरी (9947831069, 0479-246 4825) Location: Puliyoor, Kerala, India

Read More
Tamil Nadu

श्री भगवंत स्वामिगल और श्री दयानंद स्वामिगल – कुड्डलोर

श्री भगवंत स्वामिगल और श्री दयानंद स्वामिगल – कुड्डलोर  श्री भगवंत स्वामिगल और श्री दयानंद स्वामिगल, १९ वि सदी के दो महान संतो में

Read More
Tamil Nadu

संतान प्राप्ति मंदिर – कामेश्वर शिव मंदिर – मदविलगम

संतान प्राप्ति मंदिर – कामेश्वर शिव मंदिर – मदविलगम  यह मंदिर चेयर तालुका , मदुरान्थगाम के पास चेन्नई में स्थित

Read More