शिव मंदिरो के भोजन (खाद्य) अभिषेक – गंगई कोंडा चोलापुरम वैशिष्ट्य – दक्षिण भारत के ठुला महीने की पूरनमासी के दिन (नवंबर २०१४ , बृहस्पतिवार ) को यह अन्नाभिषेक शिव मंदिरो में किया जाता है। पारम्परिक अनुष्ठान – यह अभिषेक साधारण जल,दूध , मधु से किया जाता आया है। अन्नाभिषेक में शिव लिंग को भोजन अर्पण करते है। अन्ना = भोजन। चावल और सब्ज़ियों को मिलकर पकाया जाता है। शिव लिंग को पहले चावल से फिर सब्ज़ियों और फिर फलो से सजाया जाता है। इसे १-२ घंटो तक ऐसे ही रख के महा आरती की जाती है। इस आरती के बाद यह प्रसाद भक्तो और जरुरतमंदो में बात जाता है ताकि अन्न व्यर्थ न जाये। बड़े मंदिरो में बोहोत ज्यादा भोजन बनता है। बृहदीश्वर मंदिर जो की तंजावूर में है शिव लिंग की ऊंचाई १२.५ फुट है। अनेको भक्तो की मदद से और चावल की बोहोत सारी बोरियो से यह अनुष्ठान किया जाता है। यह पूजा एक जागतिक प्रार्थना है भगवन शिव से की इस जग में अन्न की प्राप्ति हो और कही अकाल या सूखा न पड़े। अपना योगदान कैसे दे – 1) इस पावन अवसर के दौरान शिव मंदिर जायें 2) अभिषेक के लिए चावल, सब्ज़ियाँ और फल दान करे 3) अगर मंदिर नहीं जा पाये तो अपने घर के शिव लिंग का अभिषेक करेगंगई कोंडा चोलापुरम मंदिर है जहा महादेव को बृहदीश्वरर के नाम से जाना जाता है। यह तंजावूर के भव्य मंदिर सामान ही है। यह मंदिर अन्नाभिषेक के लिए जाना जाता है। ranslated by Travel Operator Contact Informations:
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