शनि शिंगणापुर – एक गाव जहा घरो के दरवाज़े नहीं होते – महाराष्ट्र
स्थल – शिंगणापुर, महाराष्ट्र में स्थित अहमदनगर जिले के नेवासा तालुका के एक छोटेसे गाव का नाम है। यह स्थान शिरडी से ६० किलोमीटर , मुंबई से ३५० किमी की दूरी पर है और इसे श्री शनैश्वर देवस्थान भी कहते है।
मुख्य देवता – शनि गृह से सम्बंधित शनि देव यहके मुख्य देवता है। इस स्थान पर मूलतः कोई मंदिर नहीं है बल्कि शनि देव की एक पत्थर की मूर्ती जो काले रंग की है एक ऊँचे मंच पर विराजती है। कहते है की यह मूर्ती स्वयंभू प्रकट हुई है।
यह मूर्ती करीब ५ फुट की है और इसके पास एक त्रिशूल है। साथ ही में शिव जी, हनुमान और नंदी की मूर्तियाँ भी यहाँ प्रस्तुत है।
इतिहास – कहा जाता है की एक चरवाहे ने सबसे पहले एक काले से पत्थर को धरती के बाहर आते देखा। आश्चर्य से उसने उस पत्थर को अपनी लकड़ी से टटोला। जिस जगह लकड़ी का स्पर्श हुआ वह से रक्त का बहाव शुरू हो गया। फिर शनि देव प्रकट हुए और चरवाहे से कहा की इस स्थान पर ये पत्थर उनका स्वरुप होगा। उनके लिए कभी मंदिर न बनाये परन्तु है शनिचर के दिन तेल से अभिषेक करे। हिंदी में शनि + वार, शनिदेव के दिन के रूप में जाना जाता है।
विशेषताए – इस शहर के लोग शनिदेव की शक्ति में विश्वास करते हैं। यह शनिदेव गलत काम करने वालो को सज़ा देंगे यह मानकर , दिलचस्प रूप से पूरे शहर का कोई पुलिस स्टेशन नहीं है।
यहाँ के घरो में दरवाजे या खिड़कियां नहीं है। गोपनीयता की खातिर पर्दे हैं। लोगों को अपने काम में जाने और यहां तक कि अपने दरवाजे बंद किए बिना छुट्टियों पर जाने में कोई परेशानी नहीं है । वे कोई भी कीमती सामान या आभूषण ताले लगाकर नहीं रखते। डकैती के लिए शनिदेव के प्रकोप झेलना होगा इस विश्वास से भरे लोगो में कीमती सामान की चोरी का कोई डर बिल्कुल नहीं है।
2011 में, एक बैंक ने भी यहाँ अपने खुले दरवाजे रख दिए। इस बैंक ने यहाँ एक ” लॉकलेस ” – बिना तालो की शाखा खोली है। लोगो का मानना है की शनिदेव की कृपा से कोई अपराधों कभी यहां घटित नहीं होगा।
हिंदू ज्योतिष, के मुताबिक दुनिया को नियंत्रित करने वाले नौ ग्रहों के बीच सातवें स्थान पर शनि देव है । सातव घर ‘भाग्य” का है । इसलिए शनिदेव को खुश तथा शांत रखना महत्वपूर्ण है। एक बार कोई अपराध हो जाये या शनि का घर भारी हो जाये , तो ” साढ़े -साती ” दुर्भाग्य के साढ़े सात साल का सामना करना पड़ता है ।
त्योहारों/प्रार्थना – शनिवार व्यस्ततम पूजा का दिन हैं। शनि त्रयोदसी और अमावस्या के दिनों को एक भव्य तरीके से मनाया जाता है। इन दिनों लाखों श्रद्धालु शनि भगवान के लिए अपनी श्रद्धांजलि पेश करने के लिए मंदिर में आते हैं।
इस जगह में, कोई पुजारि नहीं हैं । भक्त मंदिर में अपने स्वयं के हाथो पूजा कर सकते हैं । पुरुषों को मंच पर चढ़ने और भगवान को छूने की अनुमति दी जाती है । उन्हें स्नान से भीगा हुआ भगवा वस्त्र पहनके पूजा करनी पड़ती है । महिलाए मंच पर चढ़ाई के बिना पूजा कर सकते हैं ।
तेल, नारियल ,सुपारी , चावल और हल्दी प्रभु चढ़ाये जाते है।
पता – Shani Shingnapur,Naivasa Taluka, District Ahmednagar, Maharashtra.
दूरध्वनी :+91 2427 238 093
समय -प्रातः ५ से रात १० बजे तक
दिशा निर्देश – यह स्थान शिर्डी से करीब १. ५ घंटे की दूरी पर है। राज्य की बसें भी शिंगणापुर के दौरे के लिए चलाई जाती हैं। यह गांव अच्छी तरह से अहमदनगर , मुंबई, पुणे और अन्य प्रमुख शहरों से जुड़ा है।
निकटतम हवाई अड्डा – औरंगाबाद (९० किमी)
निकटतम रेल स्थानक – श्रीरामपुर
आस-पास के स्थान –
दत्तात्रेय मंदिर
श्री उदासी बाबा की समाधि
Location: Shani shignapur, Maharashtra, India