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वज्रेश्वरी योगिनी देवी और गरम पानी के कुण्ड

स्थान: भिवंडी तालुका, ठाणे जिला, महाराष्ट्र

तनसा नदी के तट पर स्थित है, मुंबई से लगभग 80 किलोमीटर की दूरी परवज्रेश्वरी नामक एक शहर। यह शहर पहले वडवाली बुलायाजाता था। श्रीवज्रेश्वरी योगिनी देवी मंदिर के नाम पर इस शहर का नाम बदला गया । मंदिर एक पहाड़ी क्षेत्र में स्थित है, जो  ज्वालामुखी विस्फोट के कारन बना है ।

मूल रूप से मंदिरगूंज नमक एक पड़ोसी शहर में बनाया गया था , लेकिन पुर्तगाली आक्रमण के बाद इस शहर में लाया गया ।

मुख्य देवता: – इस मंदिर में मुख्य रूप से , देवीवज्रेश्वरी अपनी  गदा, तलवार और त्रिशूल धारण रूप में उपस्थित है । मूर्ति का रंग भगवा है। देवी रेणुका, (वाणी मंदिर के समान)सप्तश्रृंगी महालक्ष्मी, कालिका देवी औरपरशुराम के लिए धार्मिक स्थल भी  हैं। इसके अलावा, भगवान शिव, श्री गणेश, श्री हनुमान और दत्तात्रेय देव के लिए भी धार्मिक स्थल हैं।

पौराणिक कथा: – प्राचीन काल के दौरान कालकूट नाम के एक राक्षस ने संतों के लिए समस्या पैदा कर दी। उनके दुख को समाप्त करने के लिए ऋषि वशिष्ठ एक यज्ञ अनुष्ठान किया। इस यज्ञ के दौरान, घी की आहुति देवताओ को अर्पित करना था । किसी तरह, एक भेंट भगवान इंद्र को नहीं गया। गुस्से में श्री इंद्र ने यज्ञ आग में अपने दिव्य हथियार (वज्र) को  फेंक दिया। विनाश के डर से,ऋषि मुनि चंडी (शक्ति ) की अनुकम्पा लिए प्रार्थना करने लगे । देवीवज्रेश्वरी के के रूप में आई और वज्र निगल लिया।उन्होंने कालकूट को भी  मार डाला।

वास्तुकला: – मुख्य रूप से मंदिर निर्माण के एक किले की तरह बनाया गया है।  यह  एक पत्थर की संरचना है, और बेसिन किले के समान है।  मुख्य मंदिर तक पहुंचने के लिए कुछ कदम ऊपर चढ़ने की आवश्यकता है । प्रवेश द्वार पर एक कछुए  (विष्णु के कूर्म अवतार) की एक बड़ी  सोने की मूर्ति है।

मुख्य हॉल के बाहर, एक यज्नालय है। देवी को पारंपरिक गहनों पहना ते हैं और उन्हें आश्रय देने के लिए एक चांदी की छतरी है।

इस स्थान से एक दिलचस्प पहलू यह इस क्षेत्र में प्राकृतिक गर्म पानी के झरने हैं। वैज्ञानिकों का कहना है की इन कुंडो में गरम पानी इसलिए बेहटा है क्युकी यह स्थान ज्वालामुखी के इतने करीब है।  इन कुंडो के नाम -अग्नि, सूर्य,राम , सीता और लक्ष्मी हैं।

त्योहार/ प्रार्थना: – नवरात्रि, रामनवमी, दुर्गा पूजा यहां सबसे बड़े  त्यौहार है। चैत्र के महीने में – एक विशाल मेले का अमावस के  दिनों के दौरान आयोजित किया जाता है।

भक्तोंका इन कुंडो की शक्ति में विश्वास हैं और मानते है की यहाँ का  पानी के सभी पापों को धो देता है।

दिशा निर्देश:–
हवाई जहाज से – निकटतम हवाई अड्डा मुंबई हवाई अड्डा है
रेलवे द्वारा – निकटतम रेलवे स्टेशन ठाणे (सेंट्रल लाइन) और विरार (पश्चिमी लाइन)  हैं
सड़क से -महाराष्ट्र राज्य परिवहन निगम की बस वसई और विरार स्टेशनों से उपलब्ध  हैं।

Location: Vajreshwari, Maharashtra 401204, India

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