रहस्यमई तीसरी आँख वाले नरसिम्हा – सिंगा पेरुमल मंदिर
रहस्यमई तीसरी आँख वाले नरसिम्हा – सिंगा पेरुमल मंदिर
सिंगपेरुमल चेन्नई के पास एक प्राचीन गाव है। इसका नाम एक पुराने नरसिम्हा मंदिर के नाम पर पड़ा जो १५०० साल पुराना है। मंदिर एक पहाड़ पर स्थित है। इस पहाड़ को पतलाद्रि – लाल पहाड़ भी कहते है। इस स्थान का नाम पतलाद्रि पुरम भी कहते थे।
मुख्य देवता : इस मंदिर के मुख्य देवता भगवान नरसिंह है । नरसिम्हा आधे आदमी आधा शेर है जो भगवान विष्णु का अवतार है । भगवान विष्णु हिरण्यकश्यप राक्षस को मारने और उनके भक्त प्रह्लाद को बचने ए। देवी को यहाँ अहोबिलवल्ली कहते है।
विशेषताए :नरसिंह यहाँ उग्र रूप में है और उनके चारो हाथ में – शंख,चक्र,एक अभय हस्त और एक उनके जंघा पर है। उनकी तीसरी आँख केवल आरती के बाद ही दिखाई जाती है। इस आँख को थिरुनमाम (माथे पर मिट्टी का लेप) से ढक दिया जाता है
एक अलिंजल या अंकोला वृक्ष भी इस परिसर में है जो बोहोत दुर्लभ है। तमिल नाडु में सिर्फ १०-१५ ही ऐसे वृक्ष रह गए है। इस वृक्ष का उल्लेख श्री अंदाल की “नचियर थिरुमोज़ही ” में किया गया है।
वास्तुकला : यह मंदिर पल्लव राज में बना। नरसिंह अवतार के समय यह एक घाना वन था। जापलर नमक एक संत के स्वप्न में श्री विष्णु ए और उग्र नरसिंह का दर्शन दिया। यहाँ भगवन ८ फुट ऊँचे है और पत्थर से बने हुए है। मंदिर की प्रक्रम करना पहाड़ की परिक्रमा करना है। इसे गिरी प्रदक्षिणा भी कहते है। मंदिर के द्वार पर ४ स्तम्भ है। ध्वजस्तम्भ पे हनुमान की मूर्ती है।
समारोह :
पूर्णिमा पर गिरी प्रदक्षिणा बोहोत लोकप्रिय है
जून महीने में (तमिल चित्त्री महीना) ब्रह्मोत्सव होता है।
नरसिंह की तीसरी आँख भय , मानसिक रोग और शत्रुओ से मुक्ति दिलाती है।
विवाह या संतान प्राप्ति चाहने वाले अपने वस्त्र से कुछ धग्गे तोड़ कर इस अलिंजल पेड़ पर बांध देते है।
संपर्क :
दूरध्वनी : +91- 44-27464325, 27464441
कालावधि : सुबह ७ से १२ और दोपहर ४:३० से ८:३० तक
दिशा निर्देश : चेन्नई के दक्षिण में ४५ किलोमीटर पर सिंगपेरुमल है और टाम्बरम से २५ किलोमीटर पर।
100 मीटर GST मार्ग से
रेल स्थानक : सिंगपेरुमल कोइल
हवाई अड्डा : चेन्नई (५० किमी)
राष्ट्रिय मार्ग . : NH 4. (बस 60 C.)
Location: Singaperumal Koil, Tamil Nadu, India