ब्रह्मावर्त घाट , बिथुर ,कानपूर ,उत्तर प्रदेश
पावन नदी गंगा के तट पर कानपुर में स्थित एक छोटासा शहर है जिसका नाम बिथुर है। यह स्थान हमेशा से ध्यान और तीर्थ का स्थल रहा है। हिन्दू पुराणो के अनुसार बिठूर सबसे पावन स्थान है।
इतिहास – यह माना जाता है की ब्रह्मदेव ने पहले मनुष्य की रचना यहाँ पर की थी। इसीलिए इस स्थान को ब्रह्मावर्त कहते है। श्री राम के पुत्र -लव और कुश भी बिठूर के वाल्मीकि आश्रम में जन्मे थे। कुछ लोगो का मानना है की यह स्थान पृथिवी का मध्य केंद्र है।
बिठूर में नानासाहेब पेशवा का राज था जिन्होने अंग्रेज़ो के खिलाफ लड़ाई लड़ी। संन १८५७ में सैनिक विद्रोह का केंद्र बिंदु बिथुर रह चुका है।
विशेषताए – ब्रह्मदेव के भक्त गंगा स्नान के उपरांत ब्रह्मा की पादुकाय पूजते है। ब्रह्मदेव ने स्थापित किये शिवलिंग (जिन्हे ब्रह्मेश्वर कहते है) की भी पूजा होती है। घाट की सीढ़ी पर एक घोड़े की नाल ठुकी हुई है जो ब्र्म्हदेव के अश्वमेध यज्ञ का घोडा माना जाता है।
भारत में ब्रह्मा मंदिर काफी दुर्लभ है। यहाँ का मंदिर बोहोत ही छोटा सा है जहा भक्तो को बहार ही खड़े रह कर पूजा करनी पड़ती है और केवल पुरोहित ही अंदर जा सकते है।
आकर्षण – इस स्थान पर बोहोत ज्यादा भीड़ भाड़ नहीं होती। यह एक शांत स्थल है जहा परिवार के साथ बैठकर कुछ क्षण आनंद लिया जा सकता है या गंगा में नौका यात्रा की जा सकती है। छोटी छोटी दुकानो में भोजन , खिलोने , घरेलु वस्तुए उपलब्ध है।
दिशा निर्देश – इस स्थान की अच्छी तरह से देखभाल की गयी है तथा सार्वजनिक गाड़िया उपलब्ध है। ब्रह्मावर्त घाट कानपूर से ८-१० कीमी पर है।
आस-पास के स्थान –
पत्थर घाट
ध्रुव टीला
वाल्मीकि आश्रम
Image Courtesy – Wikipedia Images
Location: Bithoor, Uttar Pradesh, India