ब्रह्मदेव मंदिर – दक्षिण भारत
ब्रह्मदेव मंदिर – दक्षिण भारत
पुराण कथाओ से हम यही सुनते आये है की ब्रह्मा देव का मंदिर केवल पुष्कर में ही है । पर यह कहना गलत होगा
अगम शास्त्रो के अनुसार, हर शिव मंदिर में ब्रह्मा मंदिर होना आवश्यक है । ये मंदिर की वास्तुशैली निर्धारित करती है । दक्षिण भारत, मूलतः तमिल नाडु में अक्सर ये ेदेखा जाता आया है । सकल मंदिरो में से दो मंदिर उभर कर आते है –
१) ब्रह्मा मंदिर – तिरुपत्तुर, त्रिची
चेन्नई से त्रिची की यात्रा के बीच समयपुरम से पहले यह स्थान पड़ता है । कहा जाता है की ब्रम्हदेव भाग्य बदल सकते है । यह मंदिर संत पतंजलि और व्यक्रपथ की भी जीव समाधी स्थल है । इस मंदिर की और विशेषतायें तथा चित्र इत्यादि इस कड़ी पर मिल सकते है :
http://aalayamkanden.blogspot.in/2010/10/brahmapureeswarar-temple-tirupattur.html
२) ब्रम्हशिरकंदीश्वरर और हरषाप विमोचन पेरुमल मंदिर:
यह दोनों मंदिर एक दूसरे के बिलकुल आमने सामने है । यह मंदिर तिरुकंदियुर जो की तंजावूर -कुम्बकोनम रस्ते
पर, थिरुवायुर के पास पड़ते है । विशेष बात यह है की ये मंदिर ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनो ही का क्षेत्र है । ब्रह्मा
यहाँ अपनी सहचरी सरस्वती के साथ विराजमान हैं । स्थानीय भक्तगण मूलतः बच्चे यहाँ वंदना करने आते है ।
महादेव शिव यहाँ ब्रम्हशिरकंदीश्वरर के नाम से जाने जाते है । भगवान विष्णु यहाँ हरषाप विमोचन पेरुमल के नाम से जाने जाते है। वैष्णव लोगो के १०८ धार्मिक स्थलों में से यह एक है । माना जाता है की यहाँ देवगण ब्रह्महत्या दोष (ब्राह्मण, गुरु या संत की हत्या का पाप) से मुक्त करते है । भक्त यहाँ तीनो ही देवो से वरदान मांगने आते है ।
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South India Vacation
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Location: Kandiyur, Tamil Nadu, India