जीवदानी माता मंदिर – विरार , ठाणे , महाराष्ट्र
जीवदानी माता मंदिर – विरार , ठाणे , महाराष्ट्र
मुंबई के पास विरार में , देवी माँ को समर्पित एक जनप्रिय मंदिर है। विरार शहर का नाम एक-वीरा पर पड़ा। यहाँ पर एकविरा देवी का एक भव्य मंदिर था परन्तु मुघलो और पुर्तगलिओ के समय हुए हमले के कारन बिलकुल जीर्ण हो गया। पहले केवल स्थानीय लोग इस मंदिर के दर्शन करते थे पर आजकल इस मंदिर की लोकप्रियता बढ़ रही है। यह स्थान वैतर्ना नदी के किनारे और सातपुरा पहाड़ी क्षेत्रो में घिरा हुआ है।
मुख्य देवता – देवी को यहाँ जीवदानी माता के नाम से जाना जाता है। जीवदानी का अर्थ है जीवन देने वाली माता। देवी यहाँ आदि शक्ति का स्वरुप है।
इतिहास और विशेषताए – ऐतिहासिक पुराणो के अनुसार यह पता चलता है की इस मंदिर को पांडवो ने अपने वनवास के समय बनवाया। उन्होंने इन पर्वतो में एकवीरा गुफा में स्थापना की। वे इन्हे भगवती जीवदानी कहते थे। पांडवो ने “पांडव डोंगरी ” नामक बनाया जो योगिओ, संतो और ऋषिओ के निवास का स्थान था। आज भी यहाँ अनेको ऋषि और योगी मंदिर दौरे के समय यहाँ रहते है।
एक अन्य कहानी एक महार की है जो अछूत कहलाता था। इन्ही पहाड़िओ के नीचे वो गाये चराता था। एक दिन उसने अपनी गायो के साथ एक अन्य गाय देखि जिसके मालिक के बारे में उसे पता नहीं था। वो मालिक को ढूंढ़ते हुए गाये के पीछे चलता गया। गए पहाड़ पर चढ़ कर गायब हो गयी। तभी एक देवी ने आकर महार को पैसे देने चाहे गाय चराने के लिए। महार ने पहचान लिया की ये कोई साधारणत औरत नहीं थी बल्कि देवी खुद थी। उसने कहा “माँ मै अछूत हू , मुझे ऐसा आशीर्वाद दे जो छूने या कहने से नष्ट न हो ” तब देवी माँ ने उसे मोक्ष प्रदान किया यह बताते हुए की वो गाय “कामधेनु” है जो उसे मोक्ष प्रदान करेगी। इसी समय संतानप्राप्ति के लिए पूजा करती एक औरत ने भी देवी माँ और महार के बीच होते संवाद को सुना और माँ से सभी औरते जो संतान प्राप्त करना चाहती है , उन्हें आशीर्वाद देने कहा। माता ने यह बताया की कलयुग में वे गुफा में रहेंगे और सच्चे मन से जिन औरतो ने उनकी पूजा की और सुपारी अर्पण की उनके घर संतान अवश्य होगा।
पहले ऐसा मानते थे की जीवदानी माँ को बलि की प्रथा प्रिय है और भक्त अपनी मनोकामना पूर्ण करने हेतु मुर्गियाँ या अन्य जीवो की बलि देते थे। क्युकी बलिपीठ एक खुले स्थान में है , इस स्थान का गंध अनेको भक्तो को असुखद लगता था। हाल ही में , बलि की प्रथा हटा दी गयी है।
मंदिर स्थान एवं वास्तुकला – जीवदानी किले का निर्माण १७ वि सदी में हुआ। इस किले में अनेको पानी के कुण्ड है जिनमे से अधिकतम अभी सूख गए है। इस मंदिर तक पोहोचणे के लिए करीब १३०० सीढ़िया चढ़नी पड़ती है। यह एक अच्छा व्यायाम है और चढाव ज्यादा समस्यात्मक भी नहीं है क्युकी यहाँ का वातावरण हवादार है। पहले यह मंदिर बोहोत ही छोटा और चढ़ाव बोहोत संकीर्ण था। मंदिर के संस्थान ने बेहतर सीढ़िया निर्माण करी है जो भक्तो की सुविधा के लिए है। पहाड़ी के ऊपर से आस पास का दृश्य बोहोत सुन्दर है। एक रज्जुमार्ग (ropeway ) बनवाया गया है जिससे जो सीढ़ी नहीं चढ़ सकते वे मंदिर तक पोहोच सके।
दर्शन की जगह को भी बढाकर , कतार की व्यवस्थ बनायीं गयी है। देवी की मूर्ती यहाँ सफ़ेद संगमरमर की बानी है। मंदिर परिसर में एक किला भी है और यहाँ श्री कृष्णा मंदिर भी है।
इस पर्वत के ऊपर से सूर्यास्त का दृश्य बोहोत सुन्दर है। मंदिर के पीछे से वैतर्ना नदी और अन्य छोटे गाव दिखाई देते है। मंदिर के अंतिम छोर से अरब सागर दिखाई देता है।
यात्रिओ के निवास का स्थान – मंदिर संस्थान यात्रिओ की सुविधा के लिए बोहोत काम करते है। पर्वत के ऊपर होटल, भक्तो के लिए उचित मूल्य में खाना प्राप्त करवाते है। अगर कोई भक्त चढ़ाई करने के बाद थक जाये तो काम दाम में एक तरफी यात्रा रज्जुमार्ग के द्वारा की जाती है। विरार के कई होटल रात को यात्रिओ के रहने की सुविधा प्राप्त करवाते है।
पूजा और समारोह – नवरात्री के ९ दिन और दसेरा यहाँ के मुख्य समारोह है। भक्त हर सीढ़ी पर दीपक या मोमबत्ती जलाकर पूजा करते है। भक्त देवी को मिठाई , कंगन, सिन्दूर , नारियल चढ़कर पूजा करते है। अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए नंगे पैर भक्त सीढ़िया चढ़ते है।
रविवार का दिन जीवदानी माता का विशेष दिन माना जाता है। इस दिन मंदिर में भक्तो की बोहोत बड़ी भीड़ जमा होती है।
कालावधि – मध्य रात्रि २:३० से रात ८:०० तक। पहाड़ी पर चढ़ने का सबसे अच्छा समय प्रातः काल है।
दिशा निर्देश – जीवदानी मंदिर विरार से ४ किलोमीटर , ठाणे से ४७ किलोमीटर , मुंबई से ५० किलोमीटर, पुणे से १९७ किलोमीटर और सातारा से ३०४ किलोमीटर पर है।
- रेल से – निकट का रेलवे स्थानक विरार स्टेशन है। यह स्टेशन पश्चिम रेलवे के चर्चगेट-विरार मार्ग पर आखरी स्टेशन है।
- हवाई अड्डा – छत्रपति शिवजी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट (सांताक्रुज)
- रोड से – विरार से ऑटो रिक्शा उपलब्ध है। इसके अलावा निजी गाड़िया भी भाड़े पर ली जा सकती है।
संकेत स्थल – Jivdani Maa
पता – Jivdani Road, Virar East, Thane – 401305
दूरध्वनी – (0250) 2523698, 2523398 (0250) 2521777
निकट के स्थल – शिवजी महाराज का एक किला और पापड़खाडी बाँध। अरनाला बीच भी एक जनप्रिय स्थल है।
Location: Jivdani Rd, Virar East, Virar, Maharashtra 401305, India