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उग्र नरसिंह मंदिर – तिरुनेलवेली

उग्र नरसिंह मंदिर – तिरुनेलवेली 

कीलपवूर एक छोटासा गाव है पवुरथात्रम् से २ किमी पर।  यह तेनकासी और तिरुनेलवेली मार्ग पे है।  इस मंदिर को दक्षिण अहोबिला भी कहा जाता है और ये १२००-१५०० वर्ष पुराना है।  इस मंदिर के पुनर्निर्माण के समय अनेक शिलालेख प्राप्त हुए जो चोला और पंड्या राज्य से सम्बंधित है।

मंदिर के इतिहास के अनुसार ३०० वर्ष पहले मंदिर से सिंह की आवाज़ आती थी।  देवता को शांत करने के लिए नारियल पानी आदि ठन्डे पदार्थो से अभिषेक किया जाता है

इस मंदिर के मुख्य देवता अलरमेल माँगा पद्मवाथी समेता प्रसन्न वेंकटेश स्वामी और देव नरसिंह है का चित्र ठीक मुख्य देवता के पीछे है।  यहाँ उग्र नरसिंह का रूप है जिनके १६ हाथ है।  पंचरात्र अगम के अनुसार नरसिंह के ७० अवतार है को अनेको प्रकार के शस्त्र लिए है।  ऐसे रूद्र नरसिंह केवल अहोबिला ज्वाला नरसिंह या सिंगरिकुडी (कुड्डालोर) में है।  पानका (गुड और निम्बू का रस ) यहाँ देवता को चढ़ाया जाता है और प्रसाद के रूप में दिया जाता है।  भक्त यहाँ (अंदरुनी तथा बाहरी ) शत्रुओं से मुक्ति पाने के लिए पूजा करते है।  स्वाति नक्षत्र के समय भी यहाँ बोहोत भक्त आते है

उग्र नरसिम्हा की गोद में हिरण्यकश्यप के मूर्ति है जो पूर्व मुखी है।  इनके १६ हाथ हिरणकयाकश्यप के पेट में है और दो हाथ इनकी अंतड़ियों को माला की तरह उठाये हुए है।  ८ हाथो में शंख , चक्र है।  उनके चरणो में हिरण्यकश्यप की पत्नी कायडू , प्रह्लाद , कशी पांडिया राजा और नारद महर्षि है।  देवता के माथे के  पंखो का चित्र है।  उनकी जीभ बहार है तह बाया पैर मुड़ा हुआ है।  उनका दायां पैर असुर में मृत देह पर है।

यह मंदिर आकार में छोटा है पर इसका कुंड काफी बड़ा है।  यहाँ चाय का बागान है।  भगवान शिव (वल्लीपुरीश्वरर, बाली के आदिदेव ) का मंदिर इस गाव में है। यहाँ का नवनीत कृष्णा मंदिर भी है।

मंदिर दौरे की कालावधि :  सुबह ८ से ११: ३० तक और शाम ५ से ८ तक
मंदिर के पुरोहित अन्नदान  – 9442330643.

Location: Ugra Narasimhar Temple – Keelapavoor, Pavoorchatram – Surandai – Shencottai, Tamil Nadu 627806, India

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